शिशु की आहार तालिका क्या हो? What is the Baby’s Diet Chart?

शिशु की आहार तालिका क्या हो?

शिशु की आहार तालिका क्या हो? What is the Baby’s Diet Chart?

जन्म से दो महीने के शिशु को माँ द्वारा दिन भर में आठ-नो बाहर स्तनपान कराना चाहिए। शिशु को स्तनपान करवाने से माता को अपने स्तन गुनगुने पानी से हर बार साफ करके ही शिशु को स्तनपान कराया जाना चाहिए। माता को अपने स्तन बिल्कुल साफ रखने चाहिए गंदे नहीं जिससे शिशु को संक्रमण का भय नहीं रहें।

दो महीने से चार माह के शिशु को दिन भर में छः से 7 बार स्तनपान कराना चाहिए।
चार से छः महीने के शिशु को सुबह जागते ही स्तनपान कराना चाहिए। सुबह 8 बजे फल का रस शिशु को दिया जाना चाहिए।

सुबह 10 बजे मसला हुआ केला, आलू, आम या पपीता आदि आवश्यकतानुसार एवं उपलब्धता अनुसार शिशु को खिलाया जाना चाहिए।

दोपहर 12 बजे शिशु को स्तनपान कराना चाहिए।

दोपहर 2 बजे दाल का सूप, सब्जियों का सूप या सूजी की खीर आदि शिशु को दी जा सकती है।

शाम चार बजे शिशु को स्तनपान कराना चाहिए।

शाम छः बजे शिशु को सब्जियों का सूप देना चाहिए।

रात आठ बजे शिशु को स्तनपान कराना चाहिए।

रात्रि सोने से पूर्व 10 बजे स्तनपान करा कर शिशु को सुला देना चाहिए।

छः से आठ माह के शिशु को प्रातः जागने पर स्तनपान कराना चाहिए। सुबह 9 बजे मसला हुआ केला, उबाल कर मथी हुई सब्जियां, फल व फलों का गुदा व रस आदि जो भी मौसम अनुसार उपलब्ध हो खिलाया जाना चाहिए।

सुबह 11 बजे शिशु को स्तनपान कराना चाहिए।

दोपहर 1 बजे मोटा अनाज का अच्छी तरह से पकाया हुआ दलिया, सब्जियों का सूप, सूजी या चावल की मथी हुई खीर आदि में कोई भी दिया जा सकता है।

शाम चार बजे स्तनपान शिशु को कराया जाना चाहिए।

रात 7 बजे नमकीन दलिया या चावल खिलाना चाहिए।

रात को 9 बजे माता द्वारा शिशु को स्तनपानकरवाना चाहिए।

8 महीने से 12 महीने के शिशु को सुबह जागने पर स्तनपान करवाना चाहिए।

सुबह 9 बजे दो तीन पदार्थ निर्मित बहुमिश्रित आहार जैसे दूध-दलिया, दही-चावल या मूंग-चावल की खिचड़ी आदि खिलाना चाहिए।

सुबह 11 बजे उपलब्ध फल के छोटे-छोटे टुकड़े करके शिशु को खिलाना चाहिए।

दोपहर 1 बजे ऊर्जा, प्रोटीन व अन्य पोषक तत्त्व सहित आहार दिया जाना चाहिए। जैसे कि खिचड़ी, दलिया व बहुमिश्रित खाद्य पदार्थ जिसमें मिर्च-मसालें नहीं हो, दिए जाने चाहिए।

शाम 4 बजे स्तनपान या पाश्च्युराईज्ड गाय का दूध कटोरी चम्मच या ग्लास की सहायता से पिलाया जाना चाहिए। प्लास्टिक या कचकड़े के फैन्सी बर्तन के बजाए स्टील के बर्तन अधिक सुरक्षित है।

शाम 6 बजे रोटी के छोटे-छोटे टुकड़े दाल या सब्जी आदि में चूर कर तथा भिगोकर शिशु को खिलाए जाने चाहिए।

रात 8 बजे दो-तीन खाद्य पदार्थों से मिश्रित आहार शिशु को खिलाया जाना चाहिए।

रात में सोने से पूर्व 10 बजे स्तनपान कराना चाहिए।

शिशु की आहार तालिका में अनाज, दही, पनीर, दाल, हरी पत्तेवाली सब्जियां, गिरीदार फल, गाजर, लौकी व टिण्डा आदि के मिश्रण में रचनात्मक रूप से परिवर्तन करके शिशु को बदल-बदल कर स्वादिष्ट और रूचिकर भोजन तैयार करके खिलाना चाहिए।

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