लम्बी सिटिंग ब्लड प्रेशर कम कर सकता है।
संतुलित रक्त के प्रवाहन से शरीर की हर एक कोशिका में खून का संचार अच्छी तरह हो पाता है।
जब शरीर के अंगों में खून का प्रवाह सामान्य रूप से नहीं हो पाता है तब कई समस्याएं जैसेकि हाथ-पैरों का ठण्डा होना या सुन्न होना, त्वचा का रूखा-सूखा होना, बाल झड़ना या उदासी व थकान बने रहना आदि।
जब बैठते या सोते है तब खून का प्रवाह 90 प्रतिशत तक धीमा पड़ जाता है और यदि एक ही स्थिति में लम्बे समय तक एक ही जगह बैठे रहते तब ब्लड क्लॉटिंग की संभावना बढ़ जाती है।
उच्च रक्तचाप व धूम्रपान आदि से भी खून का प्रवाह बाधित होता है।
हर आधे घंटे की निरंतर सिटिंग के बाद 2-3 मिनट का अन्तराल बहुत जरूरी है। अपने स्थान से खड़े होकर एकाध मिनट के लिए खड़े होकर स्ट्रेचिंग दे या चहलकदमी करें या बाथ्रुम तक ही हो आएं जिससे रक्त प्रवाह गति सामान्य बनी रहें।
खून की नलिकाआंे को स्वस्थ रखने के लिए पालक का प्रयोग बहुत लाभकारी है। पालक में नाइट्रेट पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है जिसको शरीर नाइट्रिक ऑक्साइड में बदल देता है जोकि रक्तवाहिकाओं को चौड़ा करता है।
कम से कम 5 किलोमीटर का भ्रमण भी शरीर में रक्त प्रवाह को दुरूस्त रखता है। रोजाना कुछ ही देर सही योगाभ्यास जरूर करें।
लम्बी सिटिंग ब्लड प्रेशर कम कर सकता है।आहार पर भी ध्यान देना आवश्यक है। कुट्टु का आटा जोकि सिंघाड़ा का आटा होता है इसमें मिनरल्स व प्रोटीन बहुतायत पाया जाता है।
ऐवोकाडो ऑयल में एंटीऑक्सीडेंट्स होता है और इसमें सेचुरेटेड फेट अंशतः होती है इसमें खाना पकाने से दिल की बीमारियों को दूर रखा जा सकता है।
तुलसी दो प्रकार की होती है एक मीठी तुलसी और दूसरी तुलसी जिसमें चरपरापन होता है। मीठी तुलसी में ओमेगा-3 फेटी एसिड पाया जाता है। तुलसी व इसके बीज दोनो बहुपयोगी है। मोटापा रोकने, त्वचा रोगों को दूर करने तथा ह्नदय रोगों से बचाव के लिए मीठी तुलसी का इस्तेमाल काढ़ा या शोरबा या पाउडर किसी भी रूप में किया जाना अच्छा है।
सहजन जिसे ड्रमस्टिक भी कहा जाता है। आयरन, मैग्निशियम, पोटेशियम इसमें भरपूर पाया जाता है। एंटीऑक्सीडेंट होने के साथ इसमें फाईबर पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है।
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