मेनोपॉज घबराएं नहीं स्वस्थ रहें।
मेनोपॉज के समय अवधि के दौरान कई महिलाओं में शारीरिक और मानसिक समस्याएं एवं परेशानियां दिखाई देती है।
मेनोपॉज से पीरियडस् अर्थात् मासिक धर्म तो बंद होते ही साथ ही कई परेशानियां जैसे हॉट फ्लेशेज्, बार-बार मूड चेंज होना, मोटापा बढ़ना, अवसाद ग्रस्त रहना व स्लीप डिसऑर्डर आदि बढ़ जाते हैं जिससे महिलाएं चिड़चिड़ी हो जाती है और कई बार तो बात-बात पर गुस्सा आने लगता है जिससे घर के सदस्य भी परेशान हो उठते हैं।
मेनोपॉज घबराएं नहीं स्वस्थ रहें। मेनोपॉज से जुड़ी भ्रांतियों के कारण महिलाएं सोचती है कि वे अब बूढ़ी हो चली है या उनकी अब कोई अहमियत नहीं रह गई है। ऐसा अनुभव करती है कि अब उसकी अवहेलना होने लगी है। ऐसी मानसिक स्थितियों के चलते महिलाएं अपना ष्शारीरिक ध्यान भी पूरी तरह नहीं रख पाती है।
व्यवहार बदला-बदला सा होने लगता है जिससे महिलाओं को और अधिक ष्शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य की हानि होती दिखाई देती है। आत्मविश्वास कमजोर होने लगता है।
महिलाओं को मेनोपॉज की जानकारी पूरी रखनी चाहिए जिससे वे जागरूक रहकर अपने स्वास्थ्य का पूरी तरह ख्याल रख सकें। मेनोपॉज अर्थात् पीरियड्स खत्म होना भी एक सामान्य प्रक्रिया है जिसमें हार्मोन्स परिवर्तित होते है, ऐसी स्थिति में महिलाएं योग, ध्यान, भ्रमण, व्यायाम व रचनात्मक गतिविधियों में सक्रिय रूप से भाग लेकर छोटी-मोटी समस्याओं से आसानी से बच सकती है और खुद को पूरी तरह स्वस्थ रख सकती है।
संतुलित भोजन और जीवन-शैली बहुत जरूरी है यह बात अच्छी तरह समझ लेनी चाहिए और हमेशा सक्रिय बने रहना ही इससे होने वाली परेशानियों से बचने का अच्छा उपाय है।
घर-परिवार के सदस्यों की भी पूरी जिम्मेदारी है कि इस दौरान महिलाओं की भावनाओं को समझे और उसे मानसिक और भावनात्मक पूरा सहयोग दें क्योंकि कुछ वर्षों तक मेनोपॉज का प्रभाव रह सकता है।
प्रकृति से खुद को महिलाएं जोड़े तो भीतर एक अलग ही खुशी और आनन्द की अनुभूति होगी। यह समझे कि जिंदगी एक ही बार मिलती है जिसे भरपूर और अच्छा जीना है।मेनोपॉज घबराएं नहीं स्वस्थ रहें।
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