न्यूट्रीटिव समोसे घर पर आसानी से तैयार करें।
समोसा का नाम सुनते ही मुंह में पानी भर आता है। देश के किसी भी कोने में चले जाईए समोसा हर जगह मिल जाता है। सुबह नाश्ता हो या दोपहर का खाना हो या हल्का फुल्का आहार हो इन सबके लिए समोसा अच्छा विकल्प रहता है।
अलग-अलग स्थानों पर समोसा को अलग-अलग नामों से पुकारा जाता है। समोसे में अधिकतर स्थानों में उबले आलू में मसाला डालकर भरावन की जाती है।
भारत में कई जगह इसे सिंगाड़ा कहा जाता है जिसमें कटे और छौंक लगाए हुए आलू की भरावन की जाती है।
मशरूम या फूल गोभी डालकर या मिक्स देशी सब्जियां डालकर भी समोसा तैयार किया जाता है।
उबले आलू, हरा धनिया और हरी मटर डालकर भी समोसा तैयार किया जाता है।
छोटे-छोटे कॉकटेल समोसा जोकि हरी मटर की भरावन से तैयार किया जाता है।
नमकीन समोसे के अलावा मीठे समोसे भी बनते है जिसमें मावा व सूखे मेवे की भरावन होती है और ऐसे समोसे महिनों तक खराब भी नहीं होते है।
कई जगह चिकन का कीमा भरकर समोसा तैयार किया जाता है।
कई स्थानों पर दाल की पीठी से तैयार देशी घी से बना समोसा तैयार किया है।
जरूरी नहीं समोसा गर्म ही खाया जाएं। ठण्डे समोसे भी यदि सही तरीके से व सही संतुलित सामग्री से बने हो तो वह भी पौष्टिकता से भरपूर संतुलित सम्पूर्ण आहार का काम कर सकता है।
खस्ता समोसा बनाने के लिए मैदा की जगह आटे के साथ मोयन के लिए तेल का प्रयोग करे। उबले आलू, ताजा हरी मटर व अन्य सब्जियों की भरावन वाले समोसे कुछ ही घंटों के लिए खाने योग्य होते है।
घर, कार्यालय या बाहर के लिए संतुलित व पौष्टिक आहार के रूप में अंकुरित दाल का पाउडर, सूखे मेवे, अंजीर व किश्मिश की भरावन वाले समोसे जिन्हें देशी घी में तलकर तैयार किया जा सकता है। यह समोसे कई महीनों तक खाने योग्य रहते है साथ ही पौष्टिकता से भरपूर संतुलित आहार का काम भी कर जाते है।
मीठे या नमकीन न्यूट्रीटिव समोसे घर पर आसानी से तैयार करें। समोसे पसंद अनुसार तैयार किए जा सकते हैं। इनको घर, ऑफिस या बाहर कहीं भी कभी भी खाया जा सकता है। समोसे के साथ तरह-तरह की चटनियां भी तैयार करके समोसे के साथ खाई जा सकती है।
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