नाभि के अपने स्थान से हट जाने पर रोगों के साथ मोटापा आ सकता है–
नाभि शरीर का एक पवित्र एवं महत्त्वपूर्ण हिस्सा है। जन्म से पहले का रिश्ता होता है हमारा नाभि के साथ इसकी अवहेलना बिल्कुल मत कीजिए। आमतौर पर देखा गया है कि नाभि के हिस्से की पूरी तरह से अवहेलना की जाती है जोकि बिल्कुल ठीक नहीं है। नाभि ऊपर-नीचे, दाएं-बाएं या बाहर तथा भीतर की ओर खिसक जाती है या दूसरे शब्दों में हट जाती है।
नाभि जरा भी अपने स्थान से हटी कि रोग आए नहीं। जानिए कब और कैसे रोग लग जाते है यदि नाभि हट जाती है-
नाभि के थोड़ा सा भी ऊपर की ओर खिसकने या चढ़ जाने पर खट्टी डकार, कब्ज और बदहजमी हो जाती है।
नाभि यदि दो-तीन अंगुल ऊपरकी ओर चढ़ जाती है तब मल-मूत्र रूक जाता है। मल में गांठे पड़ जाती है जिससे भूख कम लगने लगती है। आंतों में मल पड़ा रहने से सड़ने लगता है जिसके परिणामस्वरूप रक्त दूषित हो जाता है, यकृत रोग पीलिया, फोड़े-फुंसियां आदि लग जाते हैं और दूषित पदार्थों की मात्रा शरीर में बढ़ने पर कई रोगों की समस्या हो जाती है।
नाभि यदि रीढ़ की ओर भीतर खिसक जाती है तब व्यक्ति स्वस्थ रह ही नहीं सकता है। दिन-प्रतिदिन दुर्बलता व कमजोरी आती चली जाएगी फिर भलें ही कितना ही पौष्टिक व स्वास्थ्यवर्धक आहार लेते जाएं।
नाभि के थोड़ा सा भी बाहर की ओर खिसक जाए या उभर जाए तब मोटापा बढ़ता ही चला जाएगा फिर चाहे कितनी डाईटिंग करें या भोजन कम खाया जाए लेकिन मोटापा से कभी पिण्ड नहीं छूटता।
नाभि को अपने स्थान पर लाने का सरल उपाय किया जाता रहना चाहियें और यह समझना बहुत जरूरी है की नाभि क्यों खिसक जाती है और इसके क्या कारण हैं।
नाभि के नीचे की ओर खिसकने से गैस की समस्या बहुत अधिक हो जाती है। अधिक नीचे खिसक जाने पर दस्त व आमवास की समस्या हो सकती है जोकि दवाओं से भी स्थाई रूप से ठीक होना मुश्किल हो जाता है।
नाभि के दाईं ओर खिसक जाने पर यकृत संबंधी रोग लग जाते हैं। यकृत स्वस्थ नहीं रह सकता है।
नाभि के बाईं ओर खिसक जाने हृदय रोग, उच्च रक्तचाप व हार्ट अटैक जैसी समस्याएं हो सकती है।
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