नारियल दूध सस्ता पौष्टिक व गुणों से भरपूर है, मिलावटी दूध पीने से अच्छा है नारीयल का दूध पीया जाएं-
नारीयल का दूध पौष्टिकता व गुणवत्ता के हिसाब से बहुत ही श्रेष्ठ है। पेट के भीतर घाव, अल्सर, कब्ज, कोलाईटिस, दुर्बल पाचन शक्ति व अन्य रोगों को आसानी से भगाने व हड्यिों व दांतों की मजबूती के लिए नारीयल का दूध पीना बहुत ही अच्छा, सरल और सस्ता साधान है।
नारीयल दूध में जल, कार्बोहाईड्रेट, वसा, प्रोटीन की समुचित मात्रा के साथ विटामीन ए, बी 1,खनिज लवण, सोडीयम, क्लोरिन, आयोडीन, सल्फर, कैल्शियम और फॉस्फोरस पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है जिससे शरीर की सभी पोषक जन्य आवश्यकताएं पूरी हो जाती है। नारीयल तैयार होने तक पेड़ पर ही पकता है और निरंतर धूप के संपर्क में रहने से नारीयल का गुदा बहुत लाभकारी हो जाता है। नारीयल का दूध सर्वरोगहारी है।
विदेशों में भी अब अन्य दूध की भांति नारीयल के दूध का पाऊडर तैयार करके बेचा जा रहा है। दूध का पाऊडर बनने की प्रक्रिया में भी नारीयल का विटामिन ए नष्ट नहीं होता है।
ध्यान रहें कि कितना ही कैल्शियम खाएं किंतु कैल्शियम के अवशोषण के लिए फॉस्फोरस बहुत जरूरी है।
नारीयल का दूध कैसे तैयार करें?
गीले नारीयल की भूरी जटा उतार कर इसका कठोर भाग उतार लें। नारीयल के गोले से निकला पानी पानी पी लें।
नारीयल को आवश्यकता अनुसार प्रयोग करें। नारीयल के चार टुकड़े करें। एक टुकड़े के छोटे-छोटे टुकड़े काट कर इसमें थोड़ा सा पानी मिलाकर मिक्सी में पीस कर बारीक चटनी बना लें। इस चटनी में एक ग्लास सादा पानी मिलाकर छलनी से छान लें। इस तरह नारीयल का पौष्टिक व सेहतवर्धक दूध तैयार है। छलनी में बचा बुरादा फैंके नहीं बल्कि सब्जी आदि में डाल कर खा लें। चटनी के रूप में भी खाया जा सकता है।
नारियल दूध सस्ता पौष्टिक व गुणों से भरपूर है, मिलावटी दूध का प्रसार और इनसे बढ़ती बीमारियों का प्रकोप निरन्तर बढ़ता जा रहा है। इन सबसे बचने के लिए नारीयल का दूध गुणों से भरपूर सर्वश्रेष्ठ साधन है जिससे अच्छे स्वास्थ्य की कामना और अच्छा स्वास्थ्य प्राप्त किया जा सकता है।
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