असली और सिंथेटिक दूध को कैसे पहचाने-
असली दूध का कोई खास स्वाद नहीं होता है किंतु हल्का मीठा लगता है।
नकली दूध का स्वाद कड़वा होता है।
असली दूध में फैट 4.5 से 5 प्रतिशत फैट होता है।
नकली दूध में भी फैट 4.5 से 5 प्रतिशत फैट होता है।
असली दूध में वसा रहित ठोस पदार्थ (सॉलिड नोट फैट) 8 से 9 प्रतिशत तक होता है।
नकली दूध में भी वसा रहित ठोस पदार्थ (सॉलिड नोट फैट) 8 से 9 प्रतिशत तक होता है।
असली दूध का रंग सफेद होता है।
नकली दूध का रंग भी सफेद होता है।
असली दूध को गर्म करने पर कोई बदलाव नहीं होता है और उबालते समय भी दूध का रंग सफेद ही रहता है।
नकली दूध को गर्म करने व उबालने पर पीला सा पड़ जाता है।
असली दूध को स्टोर करने पर रंग में कोई बदलाव नहीं आता है।
नकली दूध को गर्म करने के कुछ देर बाद ही यह पीला पड़ने लगता है।
असली दूध में यदि यूरिया मिला है तब हल्का पीला रंग दिखाई देता है।
नकली दूध को गर्म करने पर गहरा पीला रंग का दिखाई देता है।
असली दूध की एक-दो बूंदे दो अंगुलियों के बीच रखकर मलने पर साबुन जैसी चिकनाई महसूस नहीं होती है।
नकली दूध की एक-दो बूंदे दो अंगुलियों के बीच रखकर मलने पर साबुन जैसी चिकनाई महसूस होती है।
असली दूध में हाईड्रेजन आयन कंसट्रेशन (पीएच) 6.6 से 6.8 (एसिडिक) होता है जो यह दर्शाता है कि दूध प्राकृतिक रूप से हल्का एसिडिक है।
नकली दूध में हाईड्रेजन आयन कंसट्रेशन (पीएच) लगभग 10 से 11 (एसिडिक) होता है जो यह दर्शाता है कि दूध हाईली एल्कालाइन है।
दूध में यूरिया और डिटर्जेंट दोनों ही दूध को संरक्षित (प्रिजर्वेटिव) रखने का कार्य करते है। दूध में यूरिया और डिटर्जेंट है या नहीं जानने के लिए कुछ परीक्षण द्वारा पता लगाया जा सकता है किन्तु दूध में जब एंटीबॉयोटिक मिलाया जाए तब इसे जांचना कठिन हो जाता है जिसे घर पर नहीं जांचा जा सकता है बल्कि जीवाणुओं के विश्लेषण से संबंधी सुसज्जित साधनों से युक्त प्रयोगशाला में ही एंटीबॉयोटिक जांचा जा सकता है। असली और सिंथेटिक दूध को पहचानना आना चाहिए।
Leave a Reply