युवतियां नशा नहीं करें-
मौज मस्ती के अनेक साधनों का युवाओं में प्रचलन बढ़ रहा है जिनमें से एक का प्रचलन युवाओं में अधिक हो रहा है और वह है नशीले पदार्थों का सेवन! मौज मस्ती की परिभाषा नशे में बदल रही है। इसी नशे में युवा अपना सुख ढूंढ़ रहा है।
युवक-युवतियों का रूझान नशें की ओर बढ़कर यह आदत और लत में परिवर्तित हो रहा है जोकि एक अच्छे समाज व परिवार के संकेत नहीं हैं और भविष्य विनाश के अतिरिक्त और कुछ नहीं दिखाई दे रहा हैं।
किट्टी पार्टियों व छोटी-छोटी पार्टी में मनोरंजन का साधन धूम्रपान और शराब का नशा बढ़ रहा है। पहले धीरे-धीरे बीयर की चुस्कियां व सिगरेट का धुआं फिर शराब का सिलसिला इसके बाद बहुत ही खर्चीलें व महंगे पदार्थ कोकीन, हेरोइन, एसिड तथा
एक्सटेसी का सेवन तक करने में महिलाएं नहीं चूक रही हैं।
स्कूल, कॉलेजों और हॉस्टल्स में देखादेखी, उकसावे या जबरदस्ती एक बार चखने के नाम पर युवा इस नशे को आसानी से शुरू कर देते हैं।
नशा एक अंधेरी दुनिया है। विनाश का कगार है। डिस्को बार संगीत के साथ नशे के लिए आजकल प्रचलित व सुरक्षित ठिकाने बन गए हैं।
रईस परिवारों के साथ मध्यम और निम्न वर्गीय परिवारों की कई महिलाएं नशे की लत के चलते नशीले पदार्थ खरीदने के लिए चोरी करने से भी नहीं चूकती है। नशे के साथ चोरी की गंदी आदत और पनप जाती है।
नशीले पदार्थों के सेवन से अवसाद व आत्म हत्या करने जैसी प्रवृत्तियां उत्पन्न हो जाती है।
नशीले पदार्थों का सेवन महिलाओं के मस्तिष्क में संरचनात्मक परिवर्तन कर देती है।
हताशा, निराशा और स्मृति भ्रंश का रोग भी उत्पन्न हो जाता है।
नशे की लत अनेक मनोविकृतियां भी पैदा कर रहा है।
युवतियों में बांझपन की स्थिति भी प्रकट हो जाती है।
युवतियां नशा नहीं करें, शरीर और स्वास्थ्य, संस्कार, भावनाएं, विश्वास व परिवार टूट कर बिखर जाते है। नशे का कलह, तलाक और अपराध तक का रास्ता जाता है।
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