सर्दियों के मौसम में कैसा खाया जाए? How to eat in winter?

सर्दियों के मौसम में कैसा खाया जाए-

सर्दियों में रातें बड़ी और दिन छोटा होता है।

सर्दियों में शरीर को श्रम के लिए कम तथा विश्राम करने के लिए अधिक समय मिलता है और खोई हुई शक्ति को पुनः प्राप्त कर लिया जाता है।

सर्दी के मौसम में अच्छी ठण्ड पड़ने के बाद ही अधिक पौष्टिक व गरिष्ठ खाना चाहिए।

सर्दियों में जठराग्नि तीव्र हो जाती है।

सर्दियों में बलपुष्टिकारक आहार शरीर की पाचन शक्ति व आवश्यकता के अनुरूप ग्रहण किए जाने चाहिए जैसेकि-

मधुर, अम्ल, लवण और स्निग्ध पदार्थों के साथ मौसमी फल व सूखे मेवे आहार में किसी न किसी रूप में शामिल करें।

दूध की मलाई या मक्खन व कुंजा मिश्री का सेवन करें।

कुंजा मिश्री गाय के दूध में मिलाकर पीएं।

पुष्टिकारक उड़द व दूध की खीर खाएं।

साबुत मेवों का प्रयोग करें। बादाम रात्रि में पानी में भिगोकर प्रातः सिलबट्टे पर घिस कर दूध मिलाकर पीएं।

अश्वगंधा, मूसली, शतावरी, कौंच व फूल मखाना आदि का प्रयोग करें।

घी, प्याज, अदरक का रस व शहद का संतुलित सेवन उपयोगी है।

मीठा अनार, सेब, मीठे संतरा, पका केला व अन्य मौसमी ताजा हरी सब्जियों व फलों का पर्याप्त प्रयोग किया जाना चाहिए।

बादाम, काजू या महंगे सूखे मेवों की जगह मूंगफली, गुड़ व चना का प्रयोग भी बलवर्धक है।

दिन भर शरीर में चुस्ती, फुर्ती व मन में उत्साह बना रहें इसके लिए सूर्योदय से पहले ईश्वर स्मरण के साथ उठें और तीन-चार ग्लास पानी पीकर शौचादि के लिए बैठे और इसके बाद समताप पानी से स्नान करें।

स्नान के बाद 3-4 किलोमीटर प्रातः भ्रमण, योग, व्यायाम, आसन व ध्यान आदि क्रियाएं क्षमता व सामर्थ्य के अनुसार करें और फिर अच्छे दिन की शुरूआत करें। रात को सोते समय भी कुछ मिनट शौच के लिए जरूर बैठना चाहिए।

सर्दियों के मौसम में स्नान के बाद 3-4 किलोमीटर प्रातः भ्रमण, योग, व्यायाम, आसन व ध्यान आदि क्रियाएं क्षमता व सामर्थ्य के अनुसार करें और फिर अच्छे दिन की शुरूआत करें। रात को सोते समय भी कुछ मिनट शौच के लिए जरूर बैठना चाहिए।

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