सोने से पहले कुछ नियम पहले जान लें-
पूर्व दिशा की ओर सिर करके सोने से विद्या और ज्ञान की प्राप्ति होती है।
दक्षिण की ओर सिर करके सोने से धन और आयु की वृद्धि होती है।
ऐसे बिस्तर पर नहीं सोना चाहिए जोकि टूटे, ऊँचे-नीचे, मैले या ऐसा बिस्तर जिस पर कुछ नहीं बिछा हो।
पेट के बल अधिक समय तक बिल्कुल नहीं सोना चाहिए अन्यथा लीवन (यकृत) पर बुरा प्रभाव पड़ता है।
पीठ के बल सीधे सोना सर्वश्रेष्ठ है।
यात्रा एवं कुछ अपवाद छोड़कर सामान्यतः प्रदूषण एवं अशांत जगह पर सोने से बचना चाहिए।
टोपी या पगड़ी लगा कर नहीं सोना चाहिए।
मुँह में पान, तम्बाकू या जूठे मुँह नहीं सोना चाहिए अन्यथा जटिल रोगों से ग्रस्त होने की संभावना बढ़ जाती है। हमेशा मुँह व दाँत साफ करके ही सोना चाहिए।
मुँह या सिर को नीचे की ओर झुका कर नहीं सोना चाहिए। गर्दन के नीचे भारी तकिया नहीं लगाए बल्कि पतला तकिया लगाकर सोना चाहिए।
गीले या भीगे पैर नहीं सोना चाहिए बल्कि पैर, मुँह व हाथ धोकर तथा अच्छी तरह पौंछ कर और दाँत मांज कर सोना चाहिए।
माथे पर तिलक लगा कर नहीं सोना चाहिए।
बालों में फूल लगाकर नहीं सोना चाहिए।
भारी-भरकम कपड़े या बिल्कुल निःवस्त्र होकर कभी नहीं सोना चाहिए। ऐसा करने से गहरी नींद कभी नहीं आ सकेगी और नींद का अभाव केवल बीमारियां ही बीमारियां परोस सकता है।
सूर्योंदय और सूर्यास्त के समय नहीं सोना चाहिए अन्यथा सकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है।
अंधेरे में नहीं सोना चाहिए। हल्की या मंद रोशनी का प्रवेश कमरे में रहना चाहिए। रोशनी सीधी आँखों पर नहीं आनी चाहिए।
सोए हुए व्यक्ति को कभी नहीं जगाना चाहिए किन्तु विद्यार्थी, यात्री, भूखे या भयभीत व्यक्ति यदि सो जाए तो उनको जगा दिया जाना चाहिए।
भीगे वस्त्र पहन कर नहीं सोना चाहिए।
भोजन पूर्ण करने के बाद तुरंत नहीं सोना चाहिए।
सोने से पहले कुछ भी गरिष्ठ भोजन करने के तुरंत बाद नहीं सोना चाहिए।
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