5 मिनट में तनाव खत्म कैसे करें?
कमरा बंद – बिल्कुल बंद कोई आवाज या शोर नहीं, लाइट नहीं 5 मिनट तक देखेंगे कितना स्ट््रेस है चेहरे पर आंखों में मस्तिष्क में कई सवाल उठ खडे हुए है क्या उपयोग किया है आपने इन पांच मिनटो का … बताए एक एक करके खुद को ही बताएं व्यर्थ ही किया या कुछ हासिल किया?
तनाव क्षमता का दुश्मन है और उसे घटा देता है। कार्य पूर्ति के थोड़ा तनाव जरूरी भी है लेकिन अति तनाव लाभकारी नहीं होता। आपको रोमांच, चुनौती, उत्साह, उल्लास और प्रेरणा की जरूरत है, लेकिन तनाव को गहराकर हमेशा तनावग्रस्त रहने की जरूरत नहीं है।
तनाव – ज्यादा चिल्लाने लगना, तर्क कम करना मांग ज्यादा करना, विनम्रता कम जल्दबाजी, धूम्रपान की अधिकता, शराब की अधिकता, आराम से कम बैठना बैचेनी रहना, बहुत कम या ज्यादा सोना, ज्यादा या बिल्कुल ना खाना, थकान महसूस करना, दहशत के दौरे पडना, कांपने लग जाना, अतार्किक डर महसूस करना, अनुचित व्यवहार, तेज गति से गाडी चलना या हडबडाहट करना यह सब तनाव के लक्षण है।
सोचे-
मैं तनाव में क्यों हूं?
तनाव का कारण क्या है?
मैं इस बारे में क्या कर सकता हूँ?
मैं इसे दोबारा आने से कैसे रोक सकता हूँ?
खुद से सवाल करें कि कोई भी काम इतना महत्वपूर्ण नहीं है कि उसकी खातिर में अपनी सेहत खराब कर लूं। जो भी संभव हो उसी समय इनमें कुछ एक तुरंत कर लें-
खेल-खेल में-
कोई भी खेल शुरू कर दीजिए जो भी पास हो-दीवार पर बॉल फेकिएं और केच करिए या बैडमिंटन, कार्डस्, शतरंज या जो भी खेल सुलभ हो खेलिए खेलिए! अकेले खेले, बच्चों के साथ खेले या परिवार के साथ खेले, लेकिन खेल जरूर लें और कुछ न मिलें तो खुद ही बच्चों के जैसे ताली ही बजा लें।
चुटकी चुटकी में-
हाथों से चुटकी बजाते हुए कोई भी पसंदीदा गाना गुनगुनाईए।
खुद को थप्पी दें, प्यार करें, सहलाए-
जी हाँ! तनाव क्यों गलती किसकी और तनाव मैं क्यों लूं। सकारात्मक सोचें और खुद को ही सकारात्मक सोचने के लिए शाबाशी की थप्पी दें, खुद के हाथों से खुद के सिर को सहलाए और प्यार करें।
सोचते-सोचते-
तनाव होते ही समस्या व तनाव का कारण हर पहलू से सोचें! तनाव हमेशा नहीं रहने वाला है यूं ही चला जाएगा। कुछ ही मिनट में समाधान स्वतः ही मिल जाएगा और तनाव उड़न छू होकर दिल और दिमाग हल्का महसूस होगा।
चलते-चलते-
समस्या और तनाव की अधिक स्थिति से बचने के लिए उस स्थान को छोड़कर दूसरी जगह कुछ ही मिनटों के लिए कुछ एक कदम चहल-कदमी कर लेनी चाहिए।
देखते-देखते-
तनाव स्थाई नहीं होता है। कार्य व लक्ष्य प्राप्ति के लिए तनाव सकारात्मकता भी देता है किंतु छोटा सा तनाव अति तनाव नहीं बन जाएं इसके लिए कुछ पल प्रकृति की हर एक चित्रकारी को देख कर प्रफुल्लित हों और प्रकृति की बनाई कल्पना की तारीफ करें और ईश्वर की बनाई सुंदर नियामत को धन्यवाद दें।
बैठे-बैठे-
कोई बात या काम बिगड़ गया हौ या बिगड़ रहा हो तो हड़बड़ाहट को छोड़कर शांति से बैठिए और बैठे-बैठे ही कारण के साथ समाधान खोजने से तनाव रफू चक्कर हो जाएगा।
मुस्कुराते-मुस्कुराते-
निरंतर तनाव से सिथतियां बहुत बिगड़ जाती है। अवसाद, क्रोध, उग्रता व चिड़चिड़ाहट आदि नकारात्मकता का प्रसार शरीर और मन में होने लगता है। ऐसी स्थिति से बचने के लिए तुरंत मुस्कुरा दीजिए। मुस्कुराने में शर्म व झिझक कैसी! कहीं भी हो कैसी भी स्थिति हो हल्का सा मुस्कुराने से अनचाहे तनाव को आसानी से किनारे किया जा सकता है।
काम करते करते-
तनाव से बचने का सबसे सरल तरीका है अपनी पसंद का काम करना शुरू कर दें। चाहे बुक रीडिंग हो, बागवानी हो, कुकिंग हो, पेंटिंग हो, साईक्लिंग हो या कुछ भी जो पसंद हो वही काम करें।
थकते-थकते-
तनाव भी है और बहुत थकान भी है तो इसके पीछे छिपी सकारात्मक ऊर्जा की प्रेरणा को समझिए कहीं भी हो थकते-थकते कुछ पल विश्राम के लिए निकालें और डीप ब्रिदिंग दूसरे शब्दों में लम्बी श्वास लें और लम्बी श्वास छोड़े।
खाते-खाते व पीते-पीते-
वर्तमान के साथ हम कभी नहीं होते है। भूत और भविष्य के विचारों में शायद ज्यादा जीते है जिसके कारण तनाव व भय की बरसात निरंतर होती रहती है। हर काम जो किया जाता है वह वर्तमान में ही किया जाता है यदि भोजन भी कर रहें है या पानी भी पी रहें तो अपनी चेतना को भोजन खाने व पानी पीने की रस क्रिया व लाभ पर केन्द्रित करें और इनके अलावा कुछ नहीं सोचें।
सोते-सोते-
पूरा दिन दौड़-भाग और काम ही काम अब वक्त है गहरी निद्रा और विश्राम का लेकिन यहाँ भी तनाव पीछा नहीं छोड़ रहा है तो बिस्तर पर शवासन/विश्रामासन अर्थात् कायोत्सर्ग करें या अपनी सांस के आवागमन पर ध्यान केन्द्रित करें कुछ ही मिनटों में गहरी निद्रा में सो जाएंग पता ही नहीं चलेगा।
तनाव को अपने ऊपर हावी नहीं होने देना है। इसके पीछे छिपे संदेश व सकारात्मकता को जाने और तनाव दिल दिमाग से गायब कर दें।
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