सबसे सस्ता और सुलभ इम्यूनीटी बूस्टर कौनसा है?
सबसे सस्ता और आसानी से उपलब्ध होने वाला इम्यूनीटी बूस्टर हर घर में है और हम इसी को भूले जा रहे हैं यानी गेहूँ।
जी हाँ! आज हम गेहूँ के ज्वारे यानी Wheat Grass के फायदे जानेंगे।
गेहूँ के छोटे-छोटे पौद्यों में सबसे ज्यादा जीवन दायी पोषक तत्त्व होते हैं।
वैज्ञानिक भी रासायनिक जांच से साबित कर चुके है कि गेहूँ के पौद्यों का रस हमारे खून से मिलता-जुलता है।
गेहूँ के पौद्यों में मैग्निशयम पाया जाता है।
गेहूँ के पौद्यों का रस रोज सेवन करने से खून और नाड़ियों का शोधन होता है।
गेहूँ के पौद्यों का रस पीने से शरीर मे शुद्ध खून का निर्माण होता है। गेहूँ के पौद्यों का रस पीने से खूब भूख लगती है।
इसका रस पीने से कई जटिल बीमारियां ठीक होने लगती है और इम्यूनिटी बूस्ट होती है। गेहूँ के पौद्यों का रस निकाल कर तुरंत पी लेना चाहिए।
गेहूँ के ज्वारे घर पर ही कैसे तैयार करें –
हर रोज आधी मुट्ठी गेहूँ के दानों को घर पर ही मिट्टी के गमले, टब या बांस की टोकरी में बो दें। ऐसा सात दिन तक करें।
पौद्यों को छाया वाली जगह पर रखना ज्यादा अच्छा है।
7-8 दिन के अंदर पहले दिन उगाए हुए गेहूँ के पौद्ये 7-8 इंच के बन जाएंगे।
इन पौद्यों को जड़ सहित उखाड़ लें। जड़ को काट कर फैंक दें। फिर पौद्यों की पत्तियों और डंडियों का साफ पानी से धोकर व काटकर सिलबट्टे या मिक्सी में थोड़ा पानी डालकर पीस लें और दबाकर छान लें। छने हुए रस में आधा ग्लास पानी डालकर तुरंत पी लें।
जिस गमले से पौद्ये निकाले है उसमें आधी मुट्ठी गेहूँ फिर बो दें। दूसरे दिन दूसरे गमले की पौद्य काम में लें फिर उसमें गेहूँ बो दें। इसी प्रकार पौद्य लगाते रहे और रस बनाकर प्रयोग करें।
बीमारियों को दूर रखने व इम्यूनिटी बढ़ाने का सबसे सरल और सस्ता साधन है। गेहूँ का रस बनाकर ताजा ताजा ही पीना चाहिए।
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